वर्ष 2010 से पहले के रजिस्टर्ड और अभी मियाद में बचे एक लाख से अधिक वाहनों का रिकॉर्ड प्रयोग हीन हुई फाइलों में दबा है। यह ऑनलाइन नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा वाहनों का पॉल्यूशन और इंश्योरेंस काे आनॅलाइन अनिवार्य किए जाने के बाद बड़ी संख्या में लोग सरल केंद्र पहुंच रहे हैं। इन्हें वाहन रिकॉर्ड अपडेट करने की दस दिन तक की वेटिंग मिल रही है। कई का रिकॉर्ड मिलना भी मुश्किल हो रहा है। वर्ष-2010 के पहले एचआर-10 जी से लेकर क्यू तक के सिरीज कंप्यूटर में अपलोड नहीं है। इस सिरीज के वाहन स्वामियों को एक काम के लिए तीन से चार बार कार्यालय आना पड़ रहा है।
1.10 लाख वाहनों का रिकॉर्ड नहीं है
वाहन-4 पोर्टल के सर्वर पर जिले में 2010 से पहले पंजीकृत 1.10 लाख वाहनों का रिकॉर्ड नहीं है। जब इसे लांच किया गया तो प्रदेश सरकार द्वारा 2010 में लांच किए गए सर्वर के माध्यम से जो रजिस्ट्रेशन किया गया था, उसे कॉपी कर वाहन-4 पर ले लिया गया। वहीं इससे पहले के सिरीज का रिकॉर्ड फाइलों में दबा रह गया है। अब जरूरत पड़ रही है तो समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जी से लेकर क्यू तक 11 नंबरों की सिरीज ऑफलाइन है। हर सिरीज में 10 हजार वाहन रजिस्टर्ड है।
पांच से 10 दिन की वेटिंग है : एसडीएम कार्यालय के अधीन कमरा नंबर-20 और 21 को रिकार्ड रूम के रूप में स्थापित किया गया है। जिसमें वर्षों रजिस्टर्ड फाइलों को रखा गया है। यह कमरा पूरी तरह से भरा है। इसमें किसी भी फाइल को ढूंढना आसान नहीं है। वाहनों के इंश्योरेंस और पॉल्यूशन के लिए आने वाले लोगों को 5 से 10 दिन का समय दिया जाता है।
सरल केंद्र एनओसी लेने आया हूं, रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं है। आवेदन लिया। दूसरी तारीख देकर बुलाया है। कहा है रजिस्टर से नाम निकालने के बाद एनओसी नियमों को पूरा कर जारी कर दिया जाएगा। योगेश, आवेदक एनओसी।
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