
सेक्टर-25 स्थित ट्रांसपोर्ट नगर की दो दुकानों में बुधवार को सीएम फ्लाइंग की टीम ने रेड मारी। यहां आरटीए कार्यालय के नाम पर अवैध रूप से डीएल, आरसी और अन्य दस्तावेज बनाए जा रहे थे। छापेमारी में 180 डॉक्यूमेंट मिले, जिसमें वाहनों की 92 आरसी, 47 फिटनेस पेपर और अन्य कागजात हैं। मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। कई स्कूलों मुहर भी मिली हैं। टीम ने 97.65 हजार रुपए जब्त किए।
बुधवार शाम को सीएम फ्लाइंग टीम ने कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि आरटीए अफसरों की मिलीभगत से 6 साल से यह धंधा पुराने आरटीए ऑफिस के पीछे ही चल रहा था। जबकि डेढ़ साल पहले ही आरटीए ऑफिस गोहाना रोड पर शिफ्ट हुआ है। सीएम फ्लाइंग टीम के इंचार्ज शीश पाल ने बताया कि दोनों दुकानों में फर्जी दस्तावेज बनाए जाने की सूचना मिली थी।
टैक्स कंसल्टेंट ऑफिस में था अड्डा
सेक्टर- 25 स्थित दुकान नंबर 369 में रेड मारी। टैक्स कंसल्टेंट ऑफिस में फर्जीवाड़ा चल रहा था। यहां से सेक्टर- 18 निवासी जोगिंद्र को गिरफ्तार किया। दुकान से आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, हार्डडिस्क, आरटीए कार्यालय की दो मुहर मिलीं।
इन्वेस्टिंग शाॅप में मिला जखीरा
टीम इंचार्ज ने बताया कि दूसरी टीम ने कैंटर यूनियन में प्रथम तल पर बनी मैग्ना इन्वेस्टिंग शाॅप पर छापा मार दिया। यहां से असंध रोड के मनोज वर्मा को गिरफ्तार किया। दुकान से आरसी, लाइसेंस, परमिट, फिटनेस के खाली और भरे हुए पेपर, रुपयों का हिसाब लिखा रजिस्टर, आदि सामान बरामद हो गया।
आरोपियों का कबूलनामा, कई ट्रांसपोर्टरों के बनाए नकली परमिट
आरोपियों ने कबूला कि वे एक परमिट जारी करने के लिए 1 से 5 हजार रुपए तक लेते थे। छोटी गाड़ी के 1 हजार और बड़ी गाड़ी के 5 हजार रुपए। जब किसी ट्रांसपोर्टर को ज्यादा जरूरत होती थी और उसे गाड़ी को जैसे पानीपत से महाराष्ट्र भेजनी होती थी तो वह उनसे संपर्क करता था। असली परमिट बनने में 5 से 10 दिन तक वक्त लग जाता है। आरोपी परमिट की फीस ऑनलाइन जमा कर देते थे। परमिट का पेपर ऑनलाइन निकाल लेते थे। उस पर फर्जी मुहर और हस्ताक्षर कर ट्रक मालिक को दे देते थे। गाड़ी कहीं नहीं रुकती थी। कई ट्रांसपोर्टरों के नकली परमिट बनाए गए हैं।
हैवी डीएल के लिए वसूलते थे 20 हजार
- हैवी ड्राइविंग लाइसेंस- 20 हजार रुपए
- परमिट- 1 से 5 हजार रुपए तक
- रजिस्ट्रेशन पेपर- 5 से 10 हजार रुपए तक
- फिटनेस- छोटी गाड़ी के 600 रु. व बड़ी गाड़ी के 1 हजार रु.
यह हुई बरामदगी
- 97650 रुपए
- 19 नई आरसी
- 73 तैयार आरसी
- 2 मोहर आरटीए कार्यालय
- 7 नए ड्राइविंग लाइसेंस
- 17 वाहनों की आरसी फाइल
- 1 लैपटॉप
- 47 वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट
- 2 तैयार परमिट
- 1 वाहन परमिट, जो आरटीए पानीपत कार्यालय का है
- 1 रजिस्टर जो गाड़ियों के रुपए के हिसाब के
- 10 वाहन परमिट खाली पेपर
- 1 हार्ड डिस्क
कईं दुकानों के अंदर चल रहा है ये खेल
सूत्र बताते हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर में इन दो ही नहीं कई दुकानों के अंदर फर्जी आरटीए ऑफिस खुले हुए हैं। इनकी संख्या तकरीबन 15 से 20 है। सीएम फ्लाइंग की रेड पड़ते ही ट्रांसपोर्ट नगर में भगदड़ मच गई। आरोपी अपनी-अपनी दुकानों के शटर बंद कर भाग गए।
आरटीए दफ्तर तक आरोपियों के तार
पुलिस का कहना है कि आरोपियों के तार आरटीए कार्यालय के अंदर तक जुड़े हुए हैं। कार्यालय के अंदर और बाहर दलालों की भीड़ सुबह से शाम तक लगी रहती है। सूत्र यहां तक दावा करते हैं कि फिटनेस और परमिट की बड़ी फाइलें बिना दलालाें के कार्यालय के अंदर से पास ही नहीं होती है। इसका हिस्सा सभी में बांटा जाता है। अधिकारी भी मूकदर्शक बने तमाशा देख रहे हैं।
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