
स्ट्रीट लाइट व सफाई व्यवस्था के निरीक्षण के बाद डीसी ने नप अधिकारियों व संबंधित ठेकेदारों को लगाई फटकार का ऐसा असर हुआ कि 48 घंटे में ठेकेदार ने शहर के सरकुलर रोड पर लगी 250 सोडियम लाइटों को बदल दिया। उनके स्थान पर 120 वाट की एलईडी लाइटें लगा दी गई है। हालांकि पूरे शहर को रोशन करने के लिए अभी साढ़े 20 हजार लाइटों की और जरूरत है। क्योंकि शहर में अनेक स्थानों पर अब भी पुरानी सोडियम की लाइटें लगी हुई।
वहीं सफाई ठेकेदार पर डीसी की डांट का असर दिखाई दे रहा हैं। दो दिन पहले डीसी जयबीर सिंह आर्य ने शहर का निरीक्षण किया तो स्ट्रीट लाइट व सफाई व्यवस्था चरमराई हुई मिली। अगले दिन डीसी ने नप अधिकारियों, संबंधित ठेकेदारों व नगरपार्षदों के साथ मीटिंग की। जिसमें बिगड़ी व्यवस्था को लेकर नप अधिकारियों के साथ ठेकेदारों को भी फटकार लगाई थी और नगरपार्षदों से शहर में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी ली थी। डीसी के कड़े आदेशों के बाद आनन-फानन में स्ट्रीट लाइट ठेकेदार ने छह किलो मीटर लंबे सरकुलर रोड पर लगी स्ट्रीट लाइटों की जांच की और रात के समय भी लाइट बदलने का कार्य जारी रखा।
शहर में यहां प्रभावित है सफाई व्यवस्था
- रेलवे लाइन पार क्षेत्र की दो दर्जन काॅलोनियों में सफाई व्यवस्था तीन महीनों से ठप है। क्षेत्र में सफाई का ठेका खत्म होने के कारण व कार्य की अधिकता के चलते यहां नप कर्मी 10 से 15 दिन में सफाई कर पाते है और सप्ताह में एक दिन कूड़े का उठान होता है।
- लोहारू रोड ओवर ब्रिज से लोहारू रोड ऑटो मार्केट तक भी नियमित सफाई नहीं हो रही हैं।
- हनुमान गेट क्षेत्र से रोहतक गेट तक सरकुलर रोड भी हर रोज कूड़े का उठान नहीं हो रहा हैं।
- लघु सचिवालय क्षेत्र के आसपास भी नियमित सफाई नहीं होती है।
- इसके अलावा शहर में अनेक स्थानों पर सफाई व कूड़े उठान का कार्य प्रभावित है।
शहर को गंदगी मुक्त करने के लिए इनकी पड़ेगी जरूरत
डीसी की फटकार के बाद भले ही सफाई ठेकेदार ने गंदगी उठवाने का अधिकारियों को भरोसा दिलाया है लेकिन हकीकत में शहर को गंदगी मुक्त बनाना इतना आसान नहीं है। क्योंकि नप के पास लगभग 320 सफाई कर्मचारी है, इनमें से 40 कर्मचारी अधिकारियों के आवास व कार्यालयों पर तैनात है। इसके अलावा शहर में 40 प्रतिशत आबादी क्षेत्र में सफाई का ठेका खत्म हो चुका है और 20 प्रतिशत आबादी में सफाई का ठेका अगले महीने खत्म हो जाएगा। अगर शहर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त बनाना है तो सबसे पहले सफाई के जो टेंडर खत्म हो चुके हैं वह दोबारा से जारी करना हाेगा साथ ही जो टेंडर नवंबर में खत्म होना है उसे एक्सटेंड करना होगा।
क्या कहते हैं ठेकेदार
- नप के बिजली से संबंधित ठेकेदार विकास ने बताया कि दो दिन में सरकुलर रोड पर 250 लाइटें बदल दी गई है। अभी लगभग साढ़े 20 हजार छोटी व बड़ी एलइडी लाइटों की जरूरत है। इसलिए प्रशासन को बजट जारी करना होगा। तभी पूरे शहर को रोशनी से जगमग किया जा सकता है।
- नप के सफाई ठेकेदार सत्यवान ने बताया कि उनके पास सेक्टर-13 व 23 क्षेत्र का सफाई का ठेका है लेकिन अधिकारियों के कहने पर उनके कर्मचारी लघु सचिवालय के आसपास व अन्य स्थानों पर भी सफाई करते है। अगर शहर में नियमित रूप से सफाई व कूड़े का उठान करवाना है तो जिन क्षेत्रों में सफाई का ठेका खत्म हो चुका है वह दोबारा से जारी करना हाेगा।
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