मुरथल पीएचसी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नेशनल अवाॅर्ड मिल चुका, लेकिन सोमवार रात को हुए मामले ने यहां की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। स्वास्थ्य केंद्र पर महिला की डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग होती रही, उसे बेहतर उपचार के लिए रेफर करने की बजाय यहां स्टाफ के दो सदस्यों ने बधाई के नाम पर 500 व 200 रुपए लिए। यह गम्भीर आरोप महिला के पति ने लगाए हैं। उन्होंने मामले की जांच करने की मांग की।
बड़ौली निवासी नीरज ने बताया कि वह पत्नी रेणु को सोमवार देर शाम 7 बजे लेकर मुरथल पीएचसी पर पहुंचा था। यहां मौजूद स्टाफ कर्मी ने इंजेक्शन व गोली देकर 11 बजे तक डिलीवरी होने की बात कही। उसकी पत्नी ब्लीडिंग होती रही। देर रात 11 बजे के बाद स्टाफ कर्मी ने 2 बजे डिलीवरी का समय दिया। रात एक बजकर 50 मिनट पर उसकी पत्नी ने लड़की को जन्म दिया।
जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मी ने उसकी पत्नी को वार्ड में भर्ती कर दिया। नीरज ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी को लगातार ब्लीडिंग होती रही। उसने बार-बार स्टाफ कर्मी को इस बारे में अवगत करवाया। उसके बाद भी उसकी पत्नी को पीएचसी पर ही भर्ती किए रखा। यहीं नहीं उससे इस हालात में भी 500 व 200 रुपए बधाई ली। सुबह दूसरी स्टाफ कर्मी ने उसकी पत्नी की हालत देखकर नागरिक अस्पताल में रेफर किया।
प्रसूति विभाग में तैनात स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि महिला की जांच की, जांच में महिला की बच्चादानी फटने की बात सामने आई। जिसके कारण महिला के अंदर से खून का बहाव न रूकने की बात कही। अस्पताल आने पर महिला का उपचार किया गया। यदि समय रहते महिला को पीएचसी से रेफर किया जाता तो महिला की हालत इतनी गंभीर न बनती।
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