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Tuesday, 20 October 2020

घर-घर जाकर गीले-सूखे कचरे की छंटनी समझाएं, मिक्स कूड़ा उठान पर रोक जरूरी

स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के मद्देनजर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए मंगलवार को शहर के बाल भवन में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर एक दिवसीय ओरिएंटेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में फीडबैक फाउंडेशन के सीईओ अजय सिन्हा ने कचरा-प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में रेवाड़ी, बावल व धारूहेड़ा के पार्षदों, नगरपरिषद व नगरपालिकाओं के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए।

सीईओ सिन्हा ने मुख्य रूप से ठोस कचरा प्रबंधन पर जोर दिया गया। घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करना, गीले कचरे से खाद बनाने, सूखे कचरे का उचित निष्पादन करने, घरेलू और मेडिकल मेटीरियल का रीयूज करने के बारे में बताया। कहा कि कचरा-प्रबंधन के लिए जनआंदोलन का रूप देना होगा। उन्होंने बताया कि गीले कचरे में वह कचरा आता है, जिसमें 70 फीसद तक पानी होता है और जिसे पशु आदि खा सकें। यह बचा हुआ भोजन या उसका अवशेष होता है। सूखा कचरा में प्लास्टिक, पेपर, शीशा या मेटल शामिल है।

सीईओ ने कहा कि कूड़ा पैदा करने की 3 इकाइयां होती है, जिसमें घरेलु, व्यवसायिक व संस्थागत शामिल है। रेवाड़ी में लगभग प्रतिदिन 80 टन कूड़ा निकलता है। लोग जब तक यह नहीं समझेंगे कि मेरा कूड़ा मेरी जिम्मेदारी तब तक इसे निजात मिलना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि 1970 से पहले शहर साफ होते थे, उस समय प्लास्टिक का उपयोग नहीं होता था। इस मौके पर एसडीएम रविन्द्र यादव, डीएसपी राजेश लोहान, सीएमजीजीए डॉ मृदुला सूद, पूर्व चेयरमैन विजय राव, गुरूदयाल नंबरदार, प्रदीप भार्गव, रिपुदमन गुप्ता सहित अन्य लोग मौजूद रहे।



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स्वच्छ सर्वेक्षण कार्यशाला में विचार रखते फीडबैक फाउंडेशन के सीईओ अजय सिन्हा।


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