
पर्यावरण प्रदूषण को लेकर की गई ताजा स्टडी से सामने आया है कि वैश्विक महामारी कोरोना में करीब 15 प्रतिशत मामले सांस लेने में दिक्कत से हो रहे हैं और इसका कारण जहरीली हो रही हवा है। इससे बचने के लिए किसानों को चाहिए कि वे फसल अवशेषों को आग न लगाएं। यह नसीहत डीसी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष निशांत कुमार यादव ने गुरूवार को इंद्री खंड के विभिन्न गांव का दौरा कर किसानों से वार्तालाप करते हुए दी।
उन्होंने खेतों में आग लगाने की घटनाओं का जिक्र कर कहा कि मानव स्वास्थ्य से जुड़े इस मुद्दे को लेकर अब सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने गंभीरता से विचार कर ऐसे मामलों में भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान कर दिया है। डीसी ने गांव ब्याना, रंदौली और मैनमती गांव का दौरा किया। उन्होंने कहा कि खेतों में आग लगाने वाले लोग नासमझी करते हैं, जिससे जमीन की सेहत और पर्यावरण दोनों बिगड़ते हैं। प्रशासन ने एक ओर कदम बढ़ाकर पंचायतों को हैप्पी सीडर, एमबी प्लो, रोटावेटर और मल्चर जैसे कृषि यंत्र दिए हैं, जहां से कोई भी किसान जरूरत अनुसार पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर अपना ट्रेक्टर लाकर नि:शुल्क रूप से खेत में ले जा सकता है।
जिन गांवों में फसल अवशेषों को आग लगाने के 4 या इससे अधिक मामले एक्टिव पाए गए थे, उन्हें डार्क जोन में शामिल किया गया है, ऐसे 49 गांव चिन्हित किए गए हैं। प्रशासन ने ऐसे गांवों में शिविर लगाकर किसानों को समझाने का काम किया है। इसमें संबंधित पंचायत प्रगतिशील किसान और एनसीसी कैडेट व एनएसएस वॉलंटियर को भी सहयोग के लिए जोड़ा गया है, जो न केवल किसानों को समझाते हैं, बल्कि आग लगाने की घटना की सूचना भी प्रशासन को देने में मदद कर रहे हैं। प्रशासन को इन पर गर्व है और राष्ट्रीय कार्यक्रम में इनको सम्मानित करने का निर्णय भी लिया गया है।
डीसी ने रंदौली गांव में एक किसान प्रभुदयाल और मैनमती में हंसराज के खेत में हैपी सीडर से गेहूं की सीधी बिजाई का प्रदर्शन देखा और मौके पर मौजूद किसानों से बात की। उन्होंने गेहूं की बिजाई को लेकर कृषि अधिकारियों से जानकारी ली। खंड कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार ने उपायुक्त को बताया कि हैप्पी सीडर मशीन से गेहूं की सीधी बिजाई होती है, इससे प्रति एकड़ बीज की खपत कम होती है और उपज भी ज्यादा मिलती है, किसान का खर्चा कम होता है। इस अवसर पर करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा, डीडीए आदित्य डबास और सरपंच पति अंकुश काम्बोज भी उपस्थित थे।
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