
हनुमानजी की जन्मस्थली व छोटी काशी के नाम से अलग पहचान रखने वाले हमारे कैथल का आज 32वां जन्मदिन हैं। रजिया बेगम, भाई उदय सिंह, भाई संतोख सिंह की वजह इतिहास के पन्नों में दर्ज कैथल अब विकास व राजनीति में भी नई इबारत लिख रहा है। वर्ष 2020 में कैथल में दो नए कन्या कॉलेज खुलने से बेटियों के शिक्षा स्तर में सुधार होगा तो वहीं दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी चल रही है। जिसके बाद जिलावासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बड़े शहरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। जिले के चारों तरफ नेशनल हाईवे का जल्द ही जाल बिछ जाएगा। एनएच-152डी व जम्मू हाईवे बनने से औद्योगिक विकास में तेजी आएगी।
परिवहन एवं राजमार्ग
जिले के 16 गांवों से गुजरने वाले साउथ कोरिडोर 152डी का निर्माण कार्य हुआ शुरू। किसानों को करीब 400 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा गया है। कोरिडोर बनने से एक तरफ जहां क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी। यहां उद्योग धंधे स्थापित हो सकेंगे। अब तक आसपास कोई हाईवे न होने की वजह से क्षेत्र में कोई उद्योग नहीं है। युवाओं को रोजगार के लिए गुड़गांव, फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता है। जमीन अधिग्रहण से मिले मुआवजे से स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है।
राजनीति | देश व प्रदेश में अलग पहचान
देश व प्रदेश में राजनीति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। 2014 के बाद कैथल के हिस्से में मंत्रीपद आया है। इसमें कमलेश ढांडा को महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री बनाया गया है। पूंडरी से आजाद चुनाव जीतने वाले रणधीर सिंह गोलन को हरियाणा पर्यटन निगम का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वहीं कैथल के भाजपा नेता कैलाश भगत को हैफेड चेयरमैन तो गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे रणधीर सिंह को डेयरी विकास संघ का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वहीं कैथल से दो बार विधायक व मंत्री रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला का पार्टी संगठन में कद बढ़ा है। अब उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव समेत महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई है।
शिक्षा | बेटियों को मिले दो कॉलेज
इस बार रक्षाबंधन पर राजौंद व गुहला विधानसभा के लदाना चक्कू में राजकीय कन्या कॉलेज खोलने की सौगात मिली। दोनों ही कॉलेजों में दाखिले शुरू हो चुके हैं। जल्द ही भवन निर्माण किया जाएगा। बेटियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा। इससे लड़कियों की शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा। वहीं दूसरी तरफ पूंडरी के नजदीक गांव जटहेड़ी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।
अपने जिले का इतिहास
माना जाता है कि महाभारत युद्ध में कौरवों पर जीत के बाद युधिष्ठिर ने कैथल की स्थापना की थी। यहीं पर श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर भी स्थापित किया।
रजिया सुलतान ने अपना आखिरी युद्ध कैथल के नजदीक लड़ा जिसमें वह मारी गई। उसकी याद दिलाती धरोहर यहां है जो अब लुप्त प्राय है।
सन 1676 में नगर की सत्ता सिख मुखिया देसू सिंह के हाथों में आई, जिसके उत्तराधिकारियों ने 1843 तक राज किया। आज भी शहर में अंतिम राजा भाई उदय सिंह के किले के अवशेष हैं।
भाई राजा उदय सिंह के शासन काल में कैथल के भाई संतोख सिंह राज कवि थे, जिनकी प्रतिमा चिल्ड्रन पार्क में हाल ही में स्थापित की गई है।
जिला बनने के बाद कैथल के पहले डीसी हरबंश सिंह थे। अब डीसी सुजान सिंह हैं। कैथल जिले में पहले एसपी दया सिंह श्योराण थे, जबकि वर्तमान में शशांक कुमार सावन हैं।
स्वास्थ्य| स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैथल की वर्षों पुरानी मांग इस साल पूरी हुई है। शहर से समीप गांव सांपली खेड़ी में मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन उपलब्ध हो चुकी है, सरकार जल्द ही निर्माण शुरू करवाएगी। मेडिकल कॉलेज बनने से युवाओं को चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिलावासियों को चंडीगढ़ व रोहतक नहीं जाना पड़ेगा।
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