
जिले की हवा में लगातार जहर घुलता जा रहा है। रविवार काे एक्यूआई 399 पर पहुंच गया। जाे बहुत खराब है। इस माैसम में जरा सी लापरवाही बरतना खतरनाक साबित हाे सकता है। रविवार काे ताे स्थिति यह रही कि दाेपहर बाद तक भी स्माॅग ने जिले काे अपनी आगाेश में लिए रखा। सुबह के समय ताे स्माॅग के अधिक हाेने के कारण वाहन चालकाें काे भी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्माॅग के कारण लाेग आंखों में जलन के कारण भी परेशान रहे।
चिकित्सक भी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। रविवार काे न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा। एचएयू के माैसम विभाग के अध्यक्ष मदन खिचड़ के अनुसार आने वाले चार दिनाें में माैसम खुश्क रहने की संभावना है। इस दाैरान हवा में झुकाव में बदलाव आने की संभावना है। तापमान में गिरावट भी दर्ज की जा सकती है।
खतरनाक साबित हाे सकता है लापरवाही बरतना : सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अजय चुघ कहते हैं कि वायु प्रदूषण फेफड़ाें की बीमारियाें से जूझ रहे लाेगाें के लिए काफी हानिकारक है। पिछले कुछ समय से जिस तरह से वायु गुणवत्ता प्रभावित हुई है, उसकाे देखते हुए अनावश्यक रूप से घराें से बाहर न निकलें। दमा व अन्य सांस संबंधी बीमारी से ग्रस्त हैं ताे दवाओं का नियमित रूप से इस्तेमाल करें ताकि फेफडें सुरक्षित रहें। बच्चाें व बुजुर्गों के लिए इन्हेलर कवच की तरह काम करता है।
देसी नुस्खों से अपना करें बचाव
डिप्टी सीएमओ डाॅ. अनामिका बिश्नाेई, डॉ. सुभाष खतरेजा का कहना है कि प्रदूषण से राेग प्रतिराेधक क्षमता भी प्रभावित हाेती है। अभी सर्दी भी है। ऐसे में बादाम, अखराेट, काजू आदि खाना शुरू करें। सब्जी में अदरक, दानचीनी का उपयाेग भी कर सकते हैं।
सुबह व शाम बाहर घूमने से बचें
- सुबह शाम बाहर खेलने और घूमने से बचें।
- मास्क लगाकर ही निकलें।
- घर की खिड़की और दरवाजा बंद करके रखें।
- धूल से बचने के लिए चश्मा लगाकर बाहर जाएं।
- इन्हेलर का उपयाेग करें, दवाई भी बंद न करें।
- आंखाें काे पानी से धाेएं।
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