
मॉडल टाउन थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ नगर में 5 दिन से एक कमरे में बंद 5 साल की बच्ची को जेजे बोर्ड की सदस्य ने सोमवार रात मुक्त कराया। बच्ची जिस कमरे में बंद थी, उसमें बाहर से ताला लगा हुआ था।
मंदबुद्धि बच्ची को दीपावली से तीन दिन पहले बाल कल्याण समिति ने सिद्धार्थ नगर के तेजपाल को केयर के लिए सौंपा था। तेजपाल अनाथ बच्चों को पालने के लिए एनजीओ चलाता है।
जेजे बोर्ड की सदस्य मालती अरोड़ा ने बताया कि सोमवार शाम को उन्हें सूचना मिली थी कि एक बच्ची पिछले 5 दिन से सिद्धार्थ नगर में एक कमरे में बंधक बनाकर रखी गई है। बच्ची खिड़की से आवाज लगाती तो लोग जमा हो जाते थे और खाना-पीना के साथ कपड़े भी देते थे।
पांच दिनों के बाद कॉलोनी के लोगों ने 1098 चाइल्ड हेल्प नंबर पर फोन करके सूचना दी थी। जहां से सूचना जेजे बोर्ड की सदस्य मालती तक पहुंची थी।
पुलिस के साथ रात को सिद्धार्थ नगर पहुंची अरोड़ा
मालती अरोड़ा पुलिस को लेकर सिद्धार्थ नगर पहुंची। लोगों के बताए कमरे पर पहुंची तो बच्ची खिड़की के पास कमरे में खड़ी थी। बच्ची ठीक से बात भी नहीं कर रही थी। फिर, कुछ दूर रहने वाले तेजपाल मौके पर पहुंचा। तेजपाल ने किराए पर कमरे ले रखा है। अरोड़ा ने बच्ची से बातचीत की। बच्ची से जब पूछा कि वह बाहर जाना चाहती है, बच्ची ने हां कहा तो वहां से बच्ची को सिविल अस्पताल ले जाया गया।
डेढ़ साल पहले जीटी रोड पर लावारिस मिली थी बच्ची
जानकारी के मुताबिक डेढ़ साल पहले बच्ची जीटी रोड पर लावारिस हालत में मिली थी। वह अपने माता-पिता का नाम नहीं बता रही थी। इसके बाद बच्ची को बाल कल्याण समिति ने बच्ची को एक बाल केयर सेंटर में रखवा दिया था। अब दीपावली से पहले बच्ची को तेजपाल के हवाले किया था।
झूठ बोलता रहा तेजपाल
जेजे बोर्ड की सदस्य ने जब तेजपाल से पूछताछ की तो वह कई तरह की झूठ बोलने लगा। पहले तो कहा कि बच्ची लावारिस हालत में मिली थी। बच्ची की तबीयत ठीक नहीं थी। हॉस्पिटल में चेक कराया तो वह कोरोना पॉजिटिव निकली थी। इसलिए उसे एक कमरे में क्वारेंटाइन कर दिया था। उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा था।
बाल कल्याण समिति से बच्ची मिलने की बात बताई
इसके बाद तेजपाल ने बताया कि बाल कल्याण समिति से उसे बच्ची मिली। पहले भी समिति से बच्ची मिली है, जिसकी वह केयर टेकर करता रहा है। तेजपाल ने यह भी झूठ कहा कि बच्ची का पूरा ख्याल रखा जा रहा था।
जहां सुविधा नहीं, ऐसे केयर टेकर को क्यों दी बच्ची ?
बच्ची को बंधक मुक्त कराए जाने के बाद बाल कल्याण समिति के निर्णय भी सवालों के घेरे में है। आखिर किस हालत में तेजपाल को बच्ची की केयर टेकिंग दी गई। जब उसके पास कोई ऐसी व्यवस्था ही नहीं थी। इसीलिए वह बच्ची को कमरे में बंद रखता था।
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