
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से । वायु प्रदूषण से जूझ रहे हरियाणा में दिवाली की रात पटाखों पर प्रतिबंध का खूब उल्लंघन हुआ। शहरों में पटाखे खूब बिके भी और चलाए भी गए। यमुनानगर में रात करीब 1:00 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 999 और पानीपत में 711 पर पहुंच गया। रविवार सुबह स्मॉग की गहरी चादर छा गई, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। 9 जिलों में एक्यूआई 400 के पार रहा। जबकि 2019 में एक भी जिले में 400 से अधिक एक्यूआई नहीं गया था। हालांकि, दोपहर बाद कुदरत मेहरबान हो गई। सुबह पश्चिमी विक्षोभ के असर से पूर्वी हवा चली, इससे थोड़ी राहत मिली। दोपहर बाद आंधी, बारिश-ओलावृष्टि से स्मॉग धुल गया। तब सांस में सांस आई। पानीपत में एक्यूआई शाम को 180 पर आ गया।
दिवाली पर पटाखों-पराली के धुएं से हवा हुई जहरीली
हरियाणा में दिवाली के दिन 49 जगह फसल अवशेष जले। पटाखों पर बैन का भी तकरीबन हर जिले में उल्लंघन हुआ। इससे रात 1 बजे एक्यूआई आपात स्तर पर पहुंच गया। यमुनानगर में यह 999 व पानीपत में 711 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। रविवार तड़के 4 बजे भी 9 जिलों में यह 400 से ऊपर के गंभीर स्तर पर दर्ज किया गया। हालांकि, हवा व बारिश से इसमें सुधार आया।

दिवाली बाद दिल्ली में 4 साल में सबसे खराब हवा
दिल्ली में एक्यूआई 465 पर पहुंच गया। यह बीते तीन साल में दिवाली बाद के एक्यूआई औसत से 26 फीसदी ज्यादा था। 2019 में दिवाली बाद एक्यूआई- 337, वहीं, 2018 में 390 और 2017 में दिवाली के दूसरे दिन एक्यूआई-319 था। दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा।
शहर | देश |
दिल्ली | भारत |
लाहौर | पाक |
शेन्यांग | चीन |
चेंगदू | चीन |
साराजेवो | बोस्निया |
क्रेकोव | पोलैंड |
सियोल | द. कोरिया |
ढाका | बांग्लादेश |
बीजिंग | चीन |
आंधी-बारिश में शेड गिरने से सोनीपत में 2 की मौत, टिन उड़ने से बच्चे का हाथ कटा
मॉनसून की अंतिम बारिश के करीब 55 दिन बाद पश्चिम विक्षोभ के कारण रविवार शाम मौसम ने अचानक करवट ली। कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। हिसार, पानीपत, सोनीपत, रोहतक समेत कई जिलों में करीब 15 मिनट ओले भी गिरे। सोनीपत के गांव रोहणा में आंधी के कारण पशु डेयरी का शेड गिर गया। इससे दो लोगों व 9 पशुओं की मौत हो गई। गांव खांडा में ईंट-भट्टे पर टिन उड़ने से 5 वर्षीय बच्ची का हाथ कट गया। सिरसा के नहराणा में बिजली गिरने से एक ही परिवार के 4 लोग झुलस गए। सभी अस्पताल में भर्ती है।
सरसों और सब्जी की फसलों को नुकसान, गेहूं बुवाई भी प्रभावित
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, ओलों से सरसों और सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं, गेहूं की बुवाई व जमाव भी प्रभावित होगा। हालांकि, अब मौसम में ठंड बढ़ने से गेहूं में फटाव अच्छा होगा।
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