
दीपावली से पहले बाजारों में ग्राहकों की चहल कदमी बढ़ने लगी है। दुकानदार दुकानों की साजसज्जा में जुट गए हैं। बाजारों में ग्राहकी बढ़ने से मार्केट में उत्साह है। सबसे ज्यादा भीड़ कपड़े, ज्वेलर, पूजा सामग्री व मनियारी की दुकानों में देखी जाती है। आगामी 4 नवंबर को करवा चौथ है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्थी को यह पर्व मनाया जाता है। जिससे लॉकडाउन के बाद बाजारों में रौनक लौटने लगी है। सुबह से शाम तक ग्राहकों की दुकानों में भीड़ उमड़ती है।
करवा चौथ त्यौहार से पहले बाजार दुलहन की तरह सजने लगे हैं। जहां सुहागिन महिलाएं मनपसंद साड़ियां, गहने व सोलह श्रृंगार का सामान खरीद रही हैं। इस बार बाजारों में सजावटी करवा खरीदने की महिलाओं में मानों होड लगी है। दुकानों के बाहर हाथों पर मेहंदी रचाने वाले कारीगरों के पास भी सुहागिनों की लाइनें लगती हैं। इतना ही नहीं मेहंदी लगाने की एडवांस बुकिंग हो रही है। क्योंकि तीन दिनों बाद करवा चौथ को सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रख अपने पति की दीर्घायु की कामना करेंगी। यह व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चांद निकलने तक रखा जाता है। महिलाएं चांद के दीदार करके और पति की आरती उतारकर व्रत खोलती है।
8:23 बजे होगा चांद का दीदार: दोर्ण प्रसाद
पंडित दोर्ण प्रसाद कोइराला ने बताया कि करवाचौथ को शाम 8 बजकर 23 मिनट पर चांद के दीदार होंगे। जिस चतुर्थी को चंद्रमा उदय होता है, उसको करवा चौथ कहा जाता है। इस दिन भगवान शंकर, माता पार्वर्ती, कार्तिक और चंद्रमा देवता की पूजा अर्चना करते हुए परिवार की सुख समृद्धि की कामना की जाती है। करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिनों के लिए यह फलदायी होता।
बाजारों में निगरानी को टीमें तैनात
कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान बाजारों की स्थिति काफी दयनीय थी। जिससे मार्केट में मंदी का दौर था। लेकिन त्यौहारी सीजन में अब बाजारों की रौनक लौटने लगी है। ग्राहकों की चहलकदमी बढ़ने से दुकानदारों को लॉकडाउन में हुए नुकसान से उबरने की उम्मीद जगी है। लेकिन बाजारों में बढ़ती भीड़ के मध्यनजर कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों की पालना बेहद जरूरी है। नप में एसआई पवन कुमार ने बताया कि विभागीय टीम बाजारों में निगरानी को तैनात हैं। बिना मास्क घूमने वालों के चालान काटे जाएंगे।
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