
पीजीआई के आर्थो फैकल्टी के पांच सदस्यीय चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने एक सप्ताह बाद दूसरी बार यूएचएस कुलपति डॉ. ओपी कालरा के साथ हुई मीटिंग में हाईकोर्ट में चल रहे जब्त इंप्लांट केस में यूएचएस प्रशासन की ओर से दिया गया हलफनामा वापस लेने व अन्य जांचों को बंद करने की मांग रखी।
दोपहर बाद साढ़े तीन बजे से शाम पांच बजे तक चली मीटिंग में यूएचएस कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने आर्थो विभाग के एचओडी व अन्य यूनिट हेड से मरीजों के हित में काम करते रहने की हिदायत दी। यूएचएस प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि वीसी ने आर्थो चिकित्सकों की मांगों पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं से कानूनी सलाह ली है। जिसमें अधिवक्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे व अन्य जांचें बंद करने का फैसला लेना न्यायोचित नहीं माना गया है।
इसलिए वीसी डॉ. ओपी कालरा ने प्रतिनिधिमंडल को दो टूक शब्दों में कह दिया कि हाईकोर्ट में दिया हलफनामा न वापस होगा और न ही जांच बंद हाेगी। सभी डॉक्टरों को सरकार ने मरीजों के हित में काम करने के लिए नियुक्त किया है। इसलिए सभी को अपनी जिम्मेदारी का पालन करना होगा। मीटिंग में यूएचएस रजिस्ट्रार, पीजीआई निदेशक व मेडिकल सुपरिटेंडेंट शामिल रहे। वहीं, आर्थो विभाग के यूनिट हेड ने बताया कि बुधवार को आर्थो विभाग के चिकित्सक मीटिंग कर सर्वसम्मति से फैसला लेंगे।
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