
शहर में पेयजल की समस्या न बने इसके लिए शुक्रवार को जुई फीडर व निगाना फीडर को बंद करवाकर पुराना जलघर के टैंकों के लिए पानी छोड़ा गया है। जिले की नहरों में तीन जनवरी को पानी बंद हो जाएगा। इस बार जिले में मांग से 40 प्रतिशत तक कम पानी पहुंचा है।
इससे फरवरी में शहरवासियों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। इस बार जिले की नहरों में 8 दिन देरी से पानी पहुंचा था। इसके बाद ही डिमांड से कम मात्रा में
पहुंचा। सुंदर ब्रांच के लिए सिंचाई विभाग ने इस बार 2200 क्यूसेक पानी की डिमांड भेजी थी लेकिन पानी लगभग 1600 क्यूसेक ही पहुंचा। 600 क्यूसेक पानी कम मिल पाया।
इसलिए बन सकता है पेयजल संकट
पुराने जलघरों के टैंकों से लगभग 80 हजार की आबादी क्षेत्र में पानी की सप्लाई होती है। लेकिन फिलहाल पुराने जलघर के टैंकों में 12 दिन का पानी स्टोर करने की क्षमता है। क्योंकि 9 में से दो टैंकों के पुन निर्माण का कार्य चल रहा हैं। इसके अलावा दो टैंकों में अभी केवल दो से तीन फुट पानी ही जमा है, जबकि शेष पांच टैंक भी अभी 30 से 35 प्रतिशत तक खाली हैं। टैंकों में तीन जनवरी तक पानी चलेगा। इससे उम्मीद है कि टैंक 90 प्रतिशत तक भर जाएंगे लेकिन टैंकों में पानी की स्टोरेज क्षमता केवल 12 दिन की होनी के कारण पेयजल संकट गहरा सकता है।
ये है टैंकों की स्टोरेज क्षमता
मौजूदा समय में 400 बाई 400 फुट लंबे-चौड़े व पांच फुट गहरे एक वाटर टैंक में 22640 क्यूसेक पानी की क्षमता है। इस हिसाब से पुराने जलघर स्थित सात टैंकों में 135.84 हजार क्यूसेक पानी की स्टोरेज क्षमता है। पुराने जलघर के टैंकों से प्रतिदिन 16 से 18 एमएलडी पानी शहर में सप्लाई किया जाता है। इस हिसाब से 12 दिन का पानी ही स्टोर होता है। इसके बाद विभाग निनान जलघर से व जलघर में लगे 9 ट्यूबवेलों की मदद से शहर में पेयजल की सप्लाई सुचारू रखते है।
इस बार मांग से 40 से 50 प्रतिशत तक कम मात्रा में पानी पहुंचा है। भिवानी, तोशाम आदि में स्थित जलघरों के टैंकों को प्राथमिकता से भरा जा रहा हैं। नहरों में 24 दिन के बाद पानी पहुंचेगा।'' -मनीष छिक्कारा, एसडीओ, सिंचाई विभाग।
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