
दिल्ली में केंद्र सरकार के साथ किसानों की बातचीत का रास्ता खुल गया है, लेकिन किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में बसताड़ा टोल प्लाजा पर डटे किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल नौवें दिन में प्रवेश कर गई है। शनिवार को हुई बारिश के कारण धरना स्थल पर व्यवस्था बिगड़ गई, जिसके बाद किसानों ने टोल प्लाजा के शेड के नीचे अपना डेरा जमा लिया है। किसानों का कहना है कि चाहे आंधी आए या तूफान, वे अपनी जगह से हिलने वाले नहीं है। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
बीते 9 दिनों से किसान बसताड़ा टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार की सुबह हुई बारिश भी किसानों के हौसलों को पस्त न कर सकी। भारी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान टोल प्लाजा की लेनों में बैठे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके साथ ही किसानों के मनोरंजन का भी खासा ध्यान रखा जा रहा है। प्रतिदिन कोई न कोई हरियाणवी कलाकार अपनी रागनियों की प्रस्तुति टोल पर देता है। इसके साथ ही किसानों से संबंधित रागनियों के माध्यम से किसानों का हौंसला बढ़ाता है।
इसके अलावा पंजाबी गायक रेशम अनमोल व हरियाणवी संदीप मोर ने अपनी प्रस्तुतियों से किसानों का उत्साह बढ़ाया। किसान नेता सरदार प्रीतपाल सिंह खालसा, सरदार अरमान सिंह, सरदार अरविंद्र सिंह, सरदार गुरलाल सिंह, सरदार सुखपाल सिंह व अन्य ने कहा कि सरकार किसानों के प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं ले रही है। किसानों के प्रदर्शन को एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन सरकार हठधर्मिता अपना रही है, इससे किसानों में रोष है। किसानों ने चेताया कि यदि सरकार ने आने वाली चार जनवरी तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया तो आंदोलन उग्र होगा। किसान नेता हैप्पी औलख ने बताया कि बसताड़ा टोल प्लाजा पर भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी रविवार को पहुंचेंगे और किसानों का हौसला बढ़ाएंगे।
बसताड़ा टोल प्लाजा पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने चखा लंगर
चंडीगढ़ से दिल्ली की तरफ जाते समय कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर बसताड़ा टोल प्लाजा पर रुके। तंवर ने टोल के पास किसानों द्वारा चलाए जा रहे भंडारे में लंगर चखा और लंगर तैयार करने में अपनी सेवा दे रही महिलाओं और अन्य सेवादारों से बातचीत की। हालांकि अशोक तंवर करनाल साइड में लगे किसानों के मंच पर नहीं गए और न ही उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे किसानों से मुलाकात की।
असहाय लोगों को भंडारे में मिल रहा है भोजन
केंद्र के कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए आंदोलनरत किसानों ने टोल पर भंडारे की व्यवस्था की हुई है। प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोगों के अलावा राह चलते लोग भी खाने के लिए भंडारे में रुकते हैं।
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