अटेली सीट पर इस बार चुनावी समीकरण कुछ अलग है। इसके 3 कारण हैं। भितरघात का डर, दोनों दलों के प्रत्याशियों का नया चेहरा और दल-बदल। पहली विधानसभा से यहां कांग्रेस का कब्जा रहा है। 2014 में पहली बार भाजपा जीती। इस बार भाजपा ने निवर्तमान िवधायक संताेष यादव का िटकट काट िदया। वहीं कांग्रेस ने रामपुरा हाउस के मंझले बेटे राव अजीत िसंह के पुत्र अर्जुन राव काे उतारा है। बसपा से ठाकुर अतरलाल मैदान में हैं। कांग्रेस से बागी पूर्व विधायक अनीता यादव ने बेटे सम्राट को जेजेपी से उतारा है। वोटर किस तरफ रुख करेगा इस पर अभी कयास ही हैं। -पढ़िए अानंद शर्मा की िरपाेर्ट...
1967 में अस्तित्व में अाई अटेली विधानसभा सीट पर 2014 के चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। अहीर बहुल्य इस सीट पर इस बार भाजपा ने डिप्टी स्पीकर संतोष यादव का टिकट काट कर पार्टी संगठन से लंबे समय से जुड़े किसान सीताराम को उम्मीदवार बनाया है। यही नहीं अन्य किसी पार्टी ने भी अपने किसी पुराने चेहरे को इस बार मैदान में नहीं उतारा है, लेकिन कांग्रेस की पूर्व विधायक अनीता यादव ने अपनी टिकट कट जाने के बाद बेटे सम्राट को जजपा से चुनावी रण में उतारा है, उनको टिकट न देने के पीछे कांग्रेस की मंशा साफ नजर आती है, वह रामपुरा हाउस पर एक बार फिर दांव खेलकर सीट चाहती है।
पूर्व सीएम राव विरेंद्र सिंह के पोते राव अर्जुन को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस से पूर्व विधायक नरेश यादव भी बागी बनकर मैदान में हैं। ठाकुर अतर लाल ने बसपा का दामन थाम कर चुनाव में ताल ठोकी है। अटेली िवधानसभा के मध्य िस्थत गांव दाैंगड़ा के अहीर चौक पर चाय की दुकान पर बैठे कुछ युवा चुनावी बाताें में मशगूल थे। महेंद्र सिंह ने कहा िक चुनाव से पहले रफाल भारत को मिल गया। इसे चुनाव में भुनाया जा रहा है। मनोज बोले, इस बार भी समीकरण कुछ पहले जैसे ही लगते हैं। अहीर समुदाय का रहा है कब्जा: अटेली िवधानसभा सीट पर अहीर समुदाय का कब्जा रहा है। िफर पार्टी चाहे काेई भी रही हाे।
परिसीमन के बाद कांग्रेस ने 2009 में काेसली से अनिता काे अटेली से िटकट दी थी। कांग्रेस का ये िनर्णय सही साबित हुअा था। 2014 में दक्षिणी हरियाणा में भाजपा की लहर में संताेष यादव ने जीत दर्ज कर सीट पार्टी की झोली में डाल दी थी। हालांकि यह बात अलग है कि इस बार पार्टी ने उनका ही टिकट काट दिया है।
कांग्रेस के अर्जुन काे रामपुरा हाउस से अास:
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का कनीना कस्बे में अच्छा खासा प्रभाव है। राव इंद्रजीत िसंह सीताराम के नामांकन पर पहुंचे थे। इस दाैरान उन्हाेंने कार्यकर्ताअाें से पार्टी के िलए मतदान करने की भी अपील की थी, लेकिन उसके बाद से वाे अब तक उनके चुनाव प्रचार में नहीं अाए हैं। रामपुरा हाउस से राव अर्जुन िसंह कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
बसपा के अतरलाल काे एससी व राजपूत वाेट का सहारा :
अहीर बहुल्य अटेली सीट पर एससी और राजपूत समीकरण का फैक्टर भी असर रखता है। करीब 80 हजार अहीर मतदाता हैं। करीब 25 हजार राजपूत व 35 हजार एससी औऱ करीब 30 हजार अन्य समुदाय के वाेट हैं। यहां बसपा के अतरलाल को आस है कि एससी और राजपूत मतदाता चुनाव में उनके साथ खड़े हो सकते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35GdZSz