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Monday 17 August 2020

कहा- मार्केट वैल्यू तय कर इसकी बोली कराओ, विधायक विज बोले- नगर निगम दफ्तर एक ही जगह हो, इसलिए एग्रो मॉल खरीदेंगे

7 साल पहले 19 करोड़ की लागत से बने एग्रो मॉल को अब बेचा जाएगा। साेमवार को सीएम मनोहरलाल ने मॉल का दौरा कर इसे बेचने को कहा। मुख्यमंत्री ने सेकेंड फ्लोर तक सीढ़ियों से चढ़कर मॉल को देखा। फिर मार्केटिंग बोर्ड को इसका वर्तमान मार्केट वैल्यू पता कर बोली से बेचने को कहा है। कांग्रेस सरकार में बने इस मॉल को भाजपा सरकार 2018 से ही बेचने की कवायद कर रही है। नगर नगम के साथ ही कोई भी इसे खरीद सकता है। हालांकि, शहरी विधायक प्रमोद विज ने निगम के लिए इसे खरीदने की बात कही है, ताकि निगम के दफ्तर एक ही छत के नीचे हो।

दोपहर को मुख्यमंत्री मनोहरलाल करनाल से दिल्ली जाते वक्त पहले स्काईलार्क में रुके। जहां पर डीसी धर्मेंद्र सिंह से काला आंब की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी। इसके बाद सीएम एग्रो मॉल पहुंचे। उनके साथ सांसद संजय भाटिया, शहरी विधायक प्रमोद विज, डीसी धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य अफसर थे।

एक्सईएन रेट तय करवाकर मुख्यालय रिपोर्ट करेंगे
एग्राे मॉल में सीएम ने ग्राउंड फ्लोर के साथ ही फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर का भी दौरा किया। इसके बाद मार्केटिंग बोर्ड के एक्सईएन विनय रावल से इसका मार्केट वैल्यू तय कर बोली से बेचने को कहा। इस बारे में एक्सईएन ने कहा कि जल्द ही इसका रेट तय करवाकर मुख्यालय रिपोर्ट करेंगे।

एक एकड़ जमीन की कीमत भी जोड़ी जाएगी : 2013 के अंत में एग्रो मॉल बनकर तैयार हुआ। जहां पर किसानों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं देने की प्लानिंग थी। इसके निर्माण पर 19 करोड़ खर्च हुए थे। एक एकड़ जमीन में मॉल है। इसलिए मार्केट रेट तय करते वक्त जमीन की कीमत भी जोड़ी जाएगी।

निगम खरीदेगा एग्रो मॉल
विधायक प्रमोद विज ने कहा कि अभी तो मार्केट वैल्यू तय होना है। प्रयास यही है कि निगम इसे खरीदे। सीएम को बताया भी था कि एग्रो मॉल में निगम शिफ्ट करने से लोगों को सहूलियत होगी।
तब निगम ही पीछे हट गया था : मेयर अवनीत कौर का भी यह चुनावी मुद्दा था। जिसके लिए उन्होंने सीएम के सामने मांग रखी थी। साथ ही सीएम इस बारे में 2015 में घोषणा भी कर चुके हैं, लेकिन निगम ही तब पीछे हट गया था। मार्केटिंग बाेर्ड ने 20 कराेड़ कीमत बताई थी। देखना अब यह है कि एग्रो मॉल में निगम शिफ्ट होता है या नहीं।

जानिए, मॉल के बारे में सब कुछ

  • 4 फ्लोर में मॉल, निगम के लिए उपयुक्त : 4 फ्लोर हैं। ग्राउंड पर 24 और प्रथम तल पर 28 दुकानें हैं। सेकेंड फ्लोर पर बड़े हॉल हैं। तीसरे और चौथे तल को खुला रखा गया है। यहां पर कामों के लिए अलग-अलग खिड़कियां बन सकती हैं।
  • ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर कुल 42 दुकानें, इसमें भी शिफ्ट हो सकते हैं दफ्तर : ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर कुल 42 दुकानें हैं। इन दोनों में भी नगर निगम के दोनों दफ्तर शिफ्ट हो सकते हैं। अभी पालिका बाजार और देवीलाल कॉम्प्लेक्स में निगम के दफ्तर बंटे हुए हैं। इसके अलावा मीटिंग हॉल के लिए भी निगम थर्ड फ्लोर खरीद सकता है। जहां पर मीटिंग हॉल के साथ ही कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी चलाया जा सकता है।
  • पार्किंग की सुविधा भी अच्छी : निगम कार्यालय में पार्किंग की बड़ी समस्या है। जो एग्रो मॉल में नहीं रहेगी। यहां बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा है। जहां 150 दुपहिया और 50 कारों तक की पार्किंग सुविधा है। अगर एग्रो मॉल में निगम शिफ्ट हो जाता है तो शहर वासियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेंगी।

जमीन खरीदने की प्लानिंग थी, लेकिन कोर्ट केस में मामला फंस गया था : डीसी ने सीएम को बताया कि काला आंब को टूरिस्ट स्पॉट बनाने के लिए इसके साल लगती राजाखेड़ी की 12 एकड़ जमीन खरीदने की प्लानिंग थी, लेकिन कोर्ट केस में मामला फंस गया। दूसरी जमीन भी देखी गई, लेकिन वह उपयुक्त नहीं है। इस पर सीएम ने राजाखेड़ी की जमीन को ही हासिल करने के लिए प्रयास करने को कहा। इस बारे में डीसी ने कहा कि फिर से राजाखेड़ी की जमीन खरीदने का प्रयास होगा।



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एग्राे माॅल के बाहर मार्केटिंग बाेर्ड के अफसराें से बात करते सीएम। साथ में सांसद व विधायक प्रमाेद विज।


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