लाडवा गांव में 46 वर्षीय जगदीश की हत्या करने वाले आराेपियों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने सिविल अस्पताल में धरना दिया। उन्होंने फैसला लिया कि जब तक पुलिस मामले में संलिप्त एक-एक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर लेती, तब तक शव भी नहीं उठाएंगे। इस दौरान डीएसपी नारायण चंद और सुरक्षा प्रभारी अमरजीत भी मौके पर पहुंऐ। उन्हाेंने बताया कि कुछ आरोपियों को काबू कर पूछताछ जारी है।
मृतक के परिजनाें ने बताया कि करीब आठ साल पहले जताई वासी आत्माराम के साथ जगदीश का झगड़ा हुआ था। तब गांव में पंचायत हुई थी। उसमें जगदीश पर छह लाख रुपये दंड लगाया था। यह राशि आत्माराम को देकर समझौता हुआ था। इसके बाद जगदीश ने परिवार और खेतीबाड़ी पर ध्यान देना शुरू कर दिया था।
आरोप है कि आत्माराम ने आठ साल पुरानी रंजिश निकालते हुए रविवार सुबह सैर पर निकले जगदीश पर हमला करके उसकी हत्या कर डाली। भाई सतबीर का हाथ टूट गया है जोकि अस्पताल में दाखिल है। पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है ताकि परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ अप्रिय घटना न हो। इस वारदात से न सिर्फ लाडवा बल्कि अन्य गांवों के लोगों में रोष है। वहीं डीएसपी नारायण चंद का कहना है कि हमारी स्पेशल टीमें हत्यारोपियों की धरपकड़ में जुटी हैं। पीड़ित पक्ष को आश्वास्त करते हैं कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
भाई के बयान पर केस दर्ज
सदर थाना पुलिस ने लाडवा वासी सतबीर की शिकायत पर उसके भाई की पीटकर हत्या करने के आरोप में जताई वासी आत्माराम, अनिल, नवीन, कुलदीप सहित अन्य पर केस दर्ज किया था। सतबीर ने बताया था कि हम अलसुबह सैर पर निकले थे। तब दो गाड़ियों में सवार बदमाशों ने जगदीश को घेरकर उसे बुरी तरह पीटकर मार डाला था। जब मैंने व चाचा ने बचाव करना चाहा तो हमें भी पीटा। ऐसे में शोर मचाने व अन्य लोगों को आता देखकर आरोपी भाग गए थे।
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