
नई अनाज मंडी में किसानों को धान की फसल का वांछित भाव नहीं मिल रहा है। इस बार बीते वर्ष की अपेक्षा किसानों की धान की फसल 500 से लेकर 600 रुपए तक कम रेट में बिक रही है। बीते वर्ष धान की 1509 किस्म का भाव 2321 रुपए से लेकर 2771 रुपए तक था। जबकि इस बार 1751 से लेकर 1871 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। भाव बढ़ने के इंतजार में अधिकांश किसानों ने फसल का स्टॉक भी किया हुआ है।
अनाज मंडी में करीब 3.31 लाख क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। अनाज मंडी में किसानों को धान का जो भाव मिल रहा है, उससे किसान संतुष्ट नहीं हैं। किसानों का कहना है कि मंडी में केवल पीआर किस्म का धान ही सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी पर बिक रहा है। दूसरी किस्म के धान की खरीद में व्यापारी मनमानी कर रहे हैं। मंडी में प्रतिदिन करीब 40 हजार क्विंटल फसल की आवक हो रही है। वहीं किसानों को मंडी में धान की फसल का उचित भाव नहीं मिलने से काफी परेशानी हुई।
किसानों का कहना है कि सरकार ने कपास का एमएसपी मुल्य निर्धारित किया हुआ है। एमएसपी तय होने के बावजूद भी व्यापारी कम भाव में कपास की खरीद कर रहे हैं। अनाज मंडी में कपास की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। इसका लाभ व्यापारी उठा रहे हैं। सरकार ने कपास का 5825 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया हुआ है, लेकिन व्यापारी कपास की खरीद पांच हजार से 5200 रुपए प्रति क्विंटल कर रहे हैं।
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि अनाज मंडी में धान के भाव को लेकर व्यापारी मनमानी कर रहे हैं। व्यापारी फसल में नमी की मात्रा अधिक और फसल की कटाई कंबाइन से होने का हवाला देकर बहुत कम भाव लगा रहे हैं। व्यापारी कम भाव लगाकर स्वयं लाभ कमा रहे हैं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी अधिकारी व्यापारियों की भाव को लेकर की जा रही मनमानी पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।
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