
नगर निगम की प्रॉपटी टैक्स में काफी समय की मंदी के बाद फिर से उछाल आया है, यह तेजी इस बार प्रॉपर्टी सील अथवा निलामी के डर से नहीं बल्कि निगम चुनाव के मद्देनजर आई है। निगम चुनाव में ताल ठोकने के इच्छुक नेता अब खुद पर से सभी कर मुक्त का तमगा (नो ड्यूज प्रमाण पत्र) हासिल करने की कोशिशों में लगे हैं। उसी का असर है कि महज 16 दिन में 45 लाख से अधिक कर नगर निगम के खाते में जमा हो चुका है।
नगर निगम चुनाव यहां पांच साल से लटके हैं। सरकार बार-बार समय बढ़ाती रही है। छह जनवरी तक का समय अब है। ऐसे में उम्मीद है कि इससे पहले चुनाव प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। इसकी संभावना को देखते हुए इच्छुक उम्मीदवार अपनी तैयारियों में जुटे हैं। निगम से सभी बकाया जमा करके नो ड्यूज सार्टिफिकेट लिया जा रहा है।
चुनाव काे लेकर शुरू हुई तैयारियां
- नगर निगम में चुनाव कार्यालय स्थापित किया गया
- 27 नवंबर को मतदाता सूची को होगा अंतिम प्रकाशन।
- 12 अक्तूबर से मतदाता सूचियों पर काम शुरू हुआ था।
- चुनाव के लिए नगर निगम को 750 ईवीएम मिली हैं।
- नगर निगम प्रशासन द्वारा मौजूदा वार्डबंदी की वोटर लिस्ट के अनुसार 8,481
- परिवारों के 229177 वोटर हैं। पहले के मुकाबले 8,481 वोटर बढ़े हैं।
प्रॉपर्टी टैक्स को जमा करने को लेकर स्थिति
अप्रैल से मौजूदा समय तक जमा कर- 89924163
महज 16 दिन में कर जमा- 4513577
कितनी प्रॉपटी आईडी से जमा अब तक कर- 49100
इतनी प्रॉपटी आईडी ने कर नहीं चुकाया- 98 हजार
नगर निगम का वार्षिक लक्ष्य- 15 करोड़
उम्मीदवारों के लिए खर्च राशि बढ़ाई : चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं के लिए खर्च राशि में बढ़ोतरी की है। जिसमें मेयर के लिए कुल खर्च सीमा 20 लाख निर्धारित थी तो वहीं अब यह बढ़ाकर 22 लाख कर दी। यही नहीं पार्षद अब 5 नहीं साढ़े पांच लाख रुपए तक खर्च कर सकेगे। इससे पहले 2017 में खर्च सीमा 5 लाख की गई थी तय 2017 में आयोग ने निगम पार्षद के चुनाव खर्च की सीमा 5 लाख रुपए तय की थी।
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